हिंदू या मुस्लिम..या सिख ईसाई..जनता को न तो किसी पार्टी से मतलब है न ही किसी जाति से..उसकी सबसे पहली प्राथमिकता उसका खुद का जीवन..जो सरल बने..महंगाई हो या भ्रष्टाचार..ये तो दीमक की तरह उसके जीवन को चाट ही रहे हैं..देश की राजधानी तक पानी-बिजली को लेकर बेहाल है। देश का जो बजट है उसका अगर ईमानदारी से इस्तेमाल हो तो एक बजट में ही देश का कायाकल्प बदल जाए..दिल्ली का एक प्राइवेट अस्पताल और एक सरकारी अस्पताल का बजट देख लो तो सरकारी अस्पताल का बजट ज्यादा निकलेगा..फिर क्यों लोग सरकारी अस्पताल नहीं जाते...एक सरकारी स्कूल और एक प्राइवेट स्कूल का बजट देख लो तो सरकारी स्कूल पर ज्यादा रकम खर्च हो रही होगी। फिर क्यों सरकारी स्कूल में गरीब बच्चे ही पढ़ने जाते हैं। आखिर रकम कहां जाती है..स्व.राजीव गांधी ने तो एक रुपए में 15 पैसे जनता तक पहुंचने की बात कही थी..लगता है कि अब 5 पैसे तक पहुंच चुका है। राजनेता हो या अफसर और कर्मचारी..सौ में से एक-दो ऐसे शायद मिल जाएं जो ईमानदारी से अपना जीवन चला रहे हों नहीं तो सभी करोड़ों की जायदाद के मालिक हैं और गरीब जनता पिसती चली जा रही है। ये देश का दुर्भाग्य है कि आज भी राजधानी की जनता बिजली-पानी और रोटी-कपड़ा-मकान की लड़ाई लड़ रही है और हम वर्ल्ड पावर बनने की बात कर रहे हैं। इसीलिए जनता ने आप को वोट दे दिया..कहते हैं ईश्वर देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है और लेता है तो खाल खींच कर लेता है। छप्पर फाड़ के आपको मिला है..खाल खींच के बीजेपी से लिया है..ये बीजेपी को सबक है तो आप को संदेश है कि जनता सब जानती है...हमने कल कहा था कि वादा किया है तो निभाना पड़ेगा...और ये भी कहा था कि पाना आसान है..निभाना मुश्किल..इसलिए जनता ने अपना काम कर दिया...लोकसभा चुनाव में बीजेपी को छप्पर फाड़ कर दिया..केजरीवाल ने मोदी से ज्यादा वायदे किए हैं...इसलिए जनता ने उन्हें और ज्यादा दिया है..अब उतना ही बोझ लेकर केजरीवाल को चलना है..जीत का दंभ रहा...भ्रष्टाचार की नदियां बहीं...कोरी भाषणबाजी रही...तो आगे भी जनता के पास जाना है..चाहे नगर निगम चुनाव हों..या देश के दूसरे हिस्से हों. लोग कहते हैं कि संगठन में शक्ति है...हम कहते हैं कि जनता में शक्ति है...बीजेपी जितना बड़ा संगठन किसी का नहीं...इतनी ताकत..इतनी पुरानी पार्टी...दिल्ली में कांग्रेस विरोधी लहर थी..बीजेपी की नहीं...फिर भी जनता ने आप को चुना..इसीलिए कि कहीं न कहीं जनता कांग्रेस के साथ बीजेपी से भी गुस्सा है और केजरीवाल के जो वादे हैं उस पर जनता ने भरोसा किया है..ये भरोसा कायम रखना पड़ेगा नहीं तो जनता सब जानती हैं....बाकी फिर.......