Friday, February 13, 2015

how can you feel love?

 हर दिन प्यार का है..हर पल प्यार का...जो भी आपका अपना है...जो आपको अच्छा लगता है..जो खूबसूरत है...जीवन सुंदरता की चाहत रखता है..आकर्षण शारीरिक सुंदरता देखता है..जिसने वासना भी पैदा होती है..प्यार मन की सुंदरता से होता है। आप अपने माता-पिता को प्यार करते हैं..अपने बच्चों को प्यार करते हैं..अपने अजीज दोस्त को प्यार करते हैं..यहां तक कि फूलों को देखकर आपका मन तरोताजा हो जाता है..आप जानवरों से प्यार करते हैं...किसी को पुस्तकों से प्यार है..कोई कविता का दीवाना है..कोई संगीत में रम जाता है...कोई खेल में डूब जाता है..ये हैं प्यार के अलग-अलग रंग..
प्यार एक दिन का नहीं..प्यार एक गिफ्ट का नहीं..प्यार वासना का नहीं..प्यार दिखावे का नहीं..प्यार खरीदा नहीं जा सकता है..प्यार में दबाव नहीं है..प्यार की भाषा नहीं..प्यार आंखों में पढ़ा जा सकता है..प्यार दिमाग से नहीं..दिल से होता है...दुनिया मार्केटिंग और ब्रांडिंग के इर्द-गिर्द घूम रही है..उसी से बने हैं डे...फादर डे..मदर डे..वैलेंटाइन डे..कम से कम एक दिन की बिक्री में महीनों का कारोबार हो...प्यार मार्केटिंग से नहीं खरीदा जा सकता...प्यार का कारोबार नहीं हो सकता...हम जानते हैं कि हम किससे प्यार करते हैं..किससे दिखावा करते हैं..किससे औपचारिकता निभाते हैं..किसको बेवकूफ बनाते हैं..जिनसे हम प्यार करते हैं..उन्हें हमें लिखकर नहीं बताते..उन्हें कुछ देकर नहीं जताते..सैकड़ों किलोमीटर दूर रहने वाले शख्स की चिंता करते हैं..सालों न मिलने पर भी उस पर नजर रखते हैं..प्यार वो है जो दुख में काम आए..प्यार वो है जो जिंदगी को पाजिटिव बनाए..प्यार वो है जिससे हम दूसरे को खुशियां दें..चाहे वो कोई भी है..प्यार वो भी है जो किसी असहाय को मदद करे..किसी भूखे को खाना खिलाए...प्यार सहारा देता है..प्यार आड़े वक्त काम आता है..प्यार वासना नहीं उपासना है...जीवन में जितना प्यार देंगे..उससे ज्यादा मिलेगा..चाहे वो कोई भी हो..
दरअसल प्यार न तो जताया जाता है, न बताया जाता है, न दिखाया जाता है, न दिया जाता है और न लिया जाता है, प्यार को महूसस किया जाता है, दिल में अपने आप उतरता है, दिल में बसता है, यहां दिमाग का कोई काम नहीं, दिमाग गुणाभाग करता है दिल नहीं, दिल है कि मानता नहीं, बस जब दिल कह रहा हो, तो मान लो कि प्यार है वो चाहे माता-पिता है, भाई बहन का है, पति पत्नी का, बच्चे का है, प्रेमी-प्रेमिका है, पुस्तक से है, फूलों से ईश्वर से है, जानवर से है, प्यार के रंग अब खुद तय करते हैं....बाकी फिर.....