आज महिलाओं की बात करते हैं..एक से बढ़कर एक महिलाएं हैं..सबके अपने-अपने रंग..हर कोई अपने-अपने मग्न है..कोई कामकाजी है..कोई घरेलू महिला है..किसी को पढ़ने का शौक..किसी को लिखने का..कोई गीत-संगीत में मग्न..कोई खाना बनाने में..कोई धर्म-कर्म में...किसी को शापिंग में मजा आता है तो किसी को अच्छी-अच्छी ड्रेस पहनने में..इन सबके बीच उनका परिवार है..पति है..बच्चे हैं जिनकी शादी नहीं हुई है वो अपने माता-पिता के साथ व्यस्त..यही उनकी दुनिया है..इन महिलाओं को समाज नोटिस नहीं करता।
जिन महिलाओं को नोटिस करता है उनमें से कुछ महिलाएं बिलकुल अलग किस्म की है..पता नहीं उनकी कोई दुनिया है या नहीं..उनकी जो दुनिया दिखती है बड़ी बदरंग है। सोशल मीडिया पर उसके दर्शन होते हैं..अपने शरीर के बलबूते पर अपनी पहचान बनाना चाहती हैं..अपने उभारों के बलबूते पर लोगों को आकर्षित करना चाहती हैं। पता नहीं..ये उनका शौक है..मजबूरी है या फिर फेमस होने का जरिया..जब आप मानसिक रूप से खोखले हो जाते हैं..दिमागी रूप से शून्य हो जाते हैं तो आप क्या करेंगे..आपके पास बचता है जिस्म. जिससे अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं..पता नहीं उनके परिवार इसे किस रूप में लेते हैं..कैसे सहन करते हैं...कोई जिस्म के जरिए मेहनत करता है तो मजदूरी कर पेट पालता है..कुछ अपने दिमाग के जरिए अपनी कमाई करते हैं..समाज में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाते हैं जिनके पास कुछ नहीं होता है..तो अपने शरीर को देखते हैं और उसे पेश कर अपना जीवन आगे बढ़ाना चाहते हैं।
पहले होता था कि जब आपके पास कोई चारा नहीं बचा तो आप अपने शरीर का सहारा लेंगे लेकिन अब फैशन बन गया है..एक शार्टकट है जिसके जरिए न तो आपको मेहनत करनी है..न दिमाग को खर्च करना है बस उस शरीर को पेश करना है और उस पर लगे पर्दे को हटाना है। ये उनकी नजर में सबसे सस्ता..सुंदर और टिकाऊ माध्यम है..कुछ लोग भले ही गाली दें...उनके बारे में निचले स्तर के विचार रखें लेकिन हकीकत ये है कि आपकी उन पर नजर पड़ती है...एक नजर तो जरूर देखते हो...और जब देख लेते हो कि कोई नोटिस नहीं कर रहा है तो और मौका तलाशते हो..फिर आप उसकी बेशर्मी पर दूसरों से टिप्पणी करते हैं। इसे आज का जमाना भले ही बोल्ड एंड ब्यूटीफुल कहे लेकिन ये कहीं से ब्यूटीफुल नहीं...बोल्ड भी नहीं...आगे चर्चा करेंगे कि क्या बोल्ड होता है और क्या ब्युटीफुल...ये तो वो फूल हैं जिसे हिंदी में बेवकूफ कहते हैं...करने वाले भी और देखने वाले भी...बाकी फिर.....
जिन महिलाओं को नोटिस करता है उनमें से कुछ महिलाएं बिलकुल अलग किस्म की है..पता नहीं उनकी कोई दुनिया है या नहीं..उनकी जो दुनिया दिखती है बड़ी बदरंग है। सोशल मीडिया पर उसके दर्शन होते हैं..अपने शरीर के बलबूते पर अपनी पहचान बनाना चाहती हैं..अपने उभारों के बलबूते पर लोगों को आकर्षित करना चाहती हैं। पता नहीं..ये उनका शौक है..मजबूरी है या फिर फेमस होने का जरिया..जब आप मानसिक रूप से खोखले हो जाते हैं..दिमागी रूप से शून्य हो जाते हैं तो आप क्या करेंगे..आपके पास बचता है जिस्म. जिससे अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं..पता नहीं उनके परिवार इसे किस रूप में लेते हैं..कैसे सहन करते हैं...कोई जिस्म के जरिए मेहनत करता है तो मजदूरी कर पेट पालता है..कुछ अपने दिमाग के जरिए अपनी कमाई करते हैं..समाज में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाते हैं जिनके पास कुछ नहीं होता है..तो अपने शरीर को देखते हैं और उसे पेश कर अपना जीवन आगे बढ़ाना चाहते हैं।
पहले होता था कि जब आपके पास कोई चारा नहीं बचा तो आप अपने शरीर का सहारा लेंगे लेकिन अब फैशन बन गया है..एक शार्टकट है जिसके जरिए न तो आपको मेहनत करनी है..न दिमाग को खर्च करना है बस उस शरीर को पेश करना है और उस पर लगे पर्दे को हटाना है। ये उनकी नजर में सबसे सस्ता..सुंदर और टिकाऊ माध्यम है..कुछ लोग भले ही गाली दें...उनके बारे में निचले स्तर के विचार रखें लेकिन हकीकत ये है कि आपकी उन पर नजर पड़ती है...एक नजर तो जरूर देखते हो...और जब देख लेते हो कि कोई नोटिस नहीं कर रहा है तो और मौका तलाशते हो..फिर आप उसकी बेशर्मी पर दूसरों से टिप्पणी करते हैं। इसे आज का जमाना भले ही बोल्ड एंड ब्यूटीफुल कहे लेकिन ये कहीं से ब्यूटीफुल नहीं...बोल्ड भी नहीं...आगे चर्चा करेंगे कि क्या बोल्ड होता है और क्या ब्युटीफुल...ये तो वो फूल हैं जिसे हिंदी में बेवकूफ कहते हैं...करने वाले भी और देखने वाले भी...बाकी फिर.....