Saturday, February 21, 2015

जासूस..आपके आसपास भी हैं

भारत सरकार में तो एक के बाद एक जासूसों का खुलासा होता जा रहा है लेकिन हमारे जीवन में भी जासूसों की कमी नहीं। यहां तक के हमारे परिवार, पड़ोस और दोस्तों से लेकर समाज तक..दफ्तर में स्थानीय प्रबंधन से लेकर मुख्यालय तक..हर शख्स जासूस बना रहता है। जब हम छोटे थे तो हमारे पिता का जासूस हमारा सबसे छोटा भाई हुआ करता था। पांच भाई बहनों से लेकर रिश्तेदारों और आस-पड़ोस की जासूसी का जिम्मा उसी का था..पिता जी किसी की भी संदिग्ध हरकत देखते..छोटे भाई को काम पर लगा देते थे..और वो सारा बायोडाटा निकालकर दे देता था। जहां जहां मैने काम किया है..वहां भी खूब जासूस देखे हैं। एक नहीं कई-कई..जो बास के कहने पर काम पर लगे रहते थे। मजे की बात ये है कि जो जासूसी कर रहा है वो खुश हो रहा है कि वो सीधे बास के संपर्क में है लेकिन उसे नहीं मालूम कि बास उसकी जासूसी दूसरे से करा रहा है..तो दूसरा भी खुश..और बास तो है ही..क्योंकि दोनों का कच्चा चिट्ठा उसके पास अपने आप आ रहा है। जासूस भी कलाकार होते हैं..वो जासूसी इस तरह करते हैं कि आपको भनक भी न लग पाए..आपका हितैषी बनेगा...जिसके लिए जासूसी कर रहा है..उसकी बुराई शुरू करेगा..आपसे मन की बात उगलवाएगा और फिर कोने में जाकर...मोबाइल से सब कुछ बास को उगल देगा।

महिलाओं में भी आपस में खूब जासूसी चलती है..खास तौर से अपनी मित्र मंडली में या फिर आस-पड़ोस में....मसलन..जब दो महिलाएं मिलेंगी तो तीसरे के बारे में सब कुछ चटखारे लेकर बताएंगी और जब तीसरे से मिलेगी तो चौथे के बारे में..ये सिलसिला आज से नहीं..जब से होश संभाला है तब से देख रहा हूं। दूसरों के पतियों के बारे में..पत्नियों के बारे में...बच्चों के बारे में...किस्से-कहानियां आसपास तैरती रहती हैं...उस वक्त आप ये जरूर भूल जाते हैं कि आपके बारे में भी दूसरों के घरों में खूब चटखारे लिए जा रहे हैं..हमारे घर में कामकाज करने वाली महिलाओं भी अवैतनिक जासूस की तौर पर जुटी रहती हैं। इस घर से उस घर में..और जहां-जहां उसकी पहुंच है..आपके घर की तमाम अंदरूनी बातें पहुंच जाएगी। आपको पता भी नहीं चलेगा।

इसे आप मोडीफाई करें तो आजकल के जासूस उन्हें कह सकते हैं जो दूसरों की गोपनीय रिपोर्ट संबंधित के पास पहुंचा रहे हैं। एक ऐसे शख्स को जानता हूं जो एक साथ कई अधिकारियों के लिए जासूसी करते हैं..उनकी खासियत ये है कि वो हर अधिकारी के बारे में दूसरे अधिकारी को रिपोर्ट देते हैं लेकिन मजाल..कि किसी को भनक लग पाए..और वे ऐसा करके सभी के चहेते बने रहते हैं। उनकी खासियत ये भी है कि वो आपके आसपास ही मोबाइल पर सब कुछ बता रहे होंगे लेकिन आपको पता नहीं चलेगा कि वो क्या रिपोर्ट कर रहे हैं और किसे कर रहे हैं।

कहते हैं कि घर का भेदी लंका ढाए..विभीषण ने तो भले के लिए ये काम किया था लेकिन आजकल के विभीषण आपको कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं...ये आपको अंदाजा नहीं...मजाक-मजाक में..किसी के बारे में आप दिन भर टिप्पणी करते रहते हैं लेकिन उसकी रिकार्डिंग या फिर वो बात मय सबूत के पहुंच जाती है तो आपका कल्याण होना तय है। इसलिए आसपास नजर रखें  और पहचानें कि आपके आसपास कितने जासूस हैं...बाकी फिर.....