Monday, February 23, 2015

स्वास्थ्य मंत्री को स्वाईन फ्लू

देश विश्व शक्ति बनने वाला है..सौ स्मार्ट सिटी बनेंगी..देश की गंगा साफ हो जाएगी...भ्रष्टाचार मिट जाएगा..महंगाई कम हो जाएगी...दिल्ली वाई-फाई हो जाएगा..और न जाने क्या-क्या हो जाएगा..लेकिन स्वाईन फ्लू से कौन निपटेगा..आपका जवाब होगा..सरकार...लेकिन नहीं..अभी-अभी न्यूज चैनल पर एक खबर फ्लैश होती दिखी..कि गुजरात के स्वास्थ्य राज्यमंत्री को स्वाईन फ्लू हो गया..उसके पहले जम्मू के एसपी को और गाजियाबाद के डीएम को...एक आईएएस दंपत्ति को..डाक्टरों को..स्वास्थ्य कर्मचारियों को..आम आदमी की तो बात ही मत करिए..आंकड़ा आठ सौ से ज्यादा के मरने का हैं..मरीज हजारों में हैं..जिनका आंकड़ा नहीं..उनकी कोई गिनती भी नहीं कर रहा...

गनीमत यहीं तक नहीं..स्वाईन फ्लू की नकली दवाएं मार्केट में आ गईं...बदमाशों ने स्वाईन फ्लू के नाम पर घरों में जाकर दवा पिला कर रकम ऐंठने का काम शुरू कर दिया...इतने गंभीर मसले के बीच WhatsApp  पर एक मैसेज चल रहा है कि जितने लोग मरे हैं..या जितने लोग स्वाईन फ्लू से पीड़ित हैं..उनमें एक भी शराब पीने वाला नहीं..यानि जो दारू पी रहा है उसे स्वाईन फ्लू नहीं हो रहा। ये है हमारा देश..जहां स्वास्थ्य राज्यमंत्री खुद बीमारी से पीड़ित हो जा रहे हैं..अधिकारी-डाक्टर हो जा रहे हैं..जहां इसके नाम पर गोरखधंधा शुरू हो गया है तो कुछ स्वाईन फ्लू को सेलिब्रेट कर रहे हैं।

गनीमत यहीं तक नहीं...इस बीच विशेषज्ञ बता रहे हैं कि जैसे ही गर्मी बढ़ेगी वैसे ही बीमारी खत्म हो जाएगी...यानि हमें इंतजार है गर्मी का..जो स्वाईन फ्लू को नष्ट करेगा..और हमारी जान बचाएगा। एक ने तो यहां तक कहा कि स्वाईन फ्लू को लेकर डरने की जरूरत नहीं..इसमें बुखार होता है..खांसी होती है..कोई ज्यादा परेशानी नहीं.यानि..अगर स्वर्ग सिधार जाओ तो ज्यादा कष्ट नहीं होगा..पर उपदेश कुशल बहुतेरे..टीवी पर विज्ञापन चल रहे हैं कि सतर्क रहो...स्वाईन फ्लू से...अगर खांसी है तो स्कूल मत जाओ..घर से बाहर न निकलो..स्वाईन फ्लू की बीमारी से पीड़ित शख्स से दूर रहो..रायपुर के सरकारी अस्पताल में स्वाईन फ्लू के दो-दो संदिग्ध मरीज एक ही पलंग पर..ऐसा क्यों..जवाब मिलता है जगह नहीं..अगर स्वाईन फ्लू तो अलग कर देंगे।

इन सारी हकीकत पर हंसी भी आती है दुख भी होता है। जब तक हम खुद नहीं भुगतते...न तो हमें गंभीरता का एहसास होता है न ही हम में चेतना जागती है। उपदेश..सलाह...आलोचना..आसान है..विनम्र विनती है सरकारों से..मंत्रियों...अधिकारियों से..विशेषज्ञों से...ठगों से..कि कम से कम बीमारी के नाम पर ढकोसलेबाजी बंद कर दो..थोड़े गंभीर हो जाओ..थोड़े ईमानदार हो जाओ..थोड़े सतर्क हो जाओ...उनकी सुध ले लो..जो सरकारी अस्पतालों में धक्के खाकर मौत को गले लगा रहे हैं..जो मेहनत की कमाई प्राइवेट अस्पतालों में लुटा रहे हैं...जो ठगे जा रहे हैं..धोखा देना बंद करो..कभी खुद धोखा खाओगे तो सारा नशा हिरन हो जाएगा..सारी मस्ती उड़नछू हो जाएगी..जीवन का सत्य पहचान जाओगे लेकिन तब..जब आप किसी अपने को खो दोगे। बाकी फिर.....