Friday, February 20, 2015

स्वाईन फ्लू का सच

जम्मू के एसपी की मौत स्वाईन फ्लू से हो जाए...गाजियाबाद के डीएम को स्वाईन फ्लू के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़े। रायपुर के सरकारी अस्पताल में स्वाईन फ्लू का टेस्ट करने वाले कर्मचारी को ये बीमारी लग जाए..एक आईएएस दंपत्ति को स्वाईन फ्लू हो जाए..कोई बड़ी बात नहीं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि हालात नियंत्रण में हैं। हमारा देश धन्य है जहां आजादी के इतने सालों बाद देश की राजधानी दिल्ली के चुनाव पानी-बिजली पर लड़े जाएं और देश में सौ स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही जाए। ये आप मान लीजिए कि स्वाईन फ्लू से बचाने की जिम्मेदारी सरकार की नहीं आपकी है। सतर्कता आपको बरतनी है और अगर किसी को ये बीमारी हो भी जाए तो भुगतना उसे ही है। यदि आपके पास पैसा है तो उसे दिल खोलकर बहाएं...क्योंकि जान बचानी है। अगर पैसा नहीं है तो जान गंवाने को तैयार रहें क्योंकि सरकारी अस्पताल के कारिंदे आपकी सेवा में नहीं..अपनी सेवा में लगे हैं। उन्हें आपके जीवन से ज्यादा खुद के भ्रष्टाचार से फूलते जा रहे पेट को भरना है।

जहां तक निजी अस्पतालों का सवाल है तो उनके पास हर मर्ज की दवा है पर गरीबों के लिए...यदि आपके पास नोटों की गड्डियां तो उन्हें लुटाते जाईए और फिर अस्पताल में इलाज का नहीं..फाइव स्टार होटल का मजा लीजिए। आपको वो जीवन तो दे देंगे लेकिन उस जीवन का बाकी वक्त आप उस रकम को चुकाने में लगा देंगे जिसकी बदौलत आप बचे हैं। एक बात और ध्यान रखें कि स्वाईन फ्लू को लेकर..WhatsApp पर पैदा हुए सलाहकारों से बचें जो स्वाईन फ्लू से बचने की सलाह दे रहे हैं और दवाएं भी बांट रहे हैं। अगर एहतियात बरतनी है तो खुद से बरतें... नीम-हकीम और तथाकथित सलाहकारों की बजाए किसी अच्छे डाक्टर से बात करें। न तो बेवजह डरें..न मन में आशंकाएं पालें..न किसी के बहकावे में आएं...जान है तो जहान हैं.. ऐसा न हो कि आशंका में भी बीपी बढ़ाकर नुकसान उठा जाएं।  खुद की हिम्मत...सतर्कता और समझदारी ही काम आएगी..ये आपको तय करना है कि इस बीमारी से कैसे बचना है...कैसे निपटना है...बाकी फिर........