जीवन में कोई भी लक्ष्य हासिल करना आसान हो सकता है लेकिन निभाना उससे कई गुना मुश्किल...चाहे घर खरीदें या कार...या घर का कोई अन्य सामान...चाहे कोई पद हासिल कर लें..चाहे कोई मुकाम पा लें..लेकिन उस तक पहुंचने के बाद उसे जस का तस बनाए रखने या उससे बेहतर करना आसान नहीं..लोग किसी भी चीज के लिए कहते हैं कि सफेद हाथी पाल रखा है..उसे जीवन भर कौन खिलाएगा...दिल्ली चुनाव में केजरीवाल या किरण बेदी सीएम बनेंगे..जो भी सीएम बनेगा..आप बड़े-बड़े वादे कर कुर्सी तो हासिल कर लेंगे..लेकिन असली अग्नि परीक्षा कुर्सी पर बैठने के बाद शुरू होगी और पांच साल चलेगी..यदि खरे उतरेंगे तो और ऊपर जाएंगे नहीं तो घर बिठा दिए जाएंगे....जितनी मेहनत प्रचार में न की होगी..उससे सैकड़ों गुना ज्यादा पूरे पांच साल करनी होगी। आप जो कहते हैं..एक क्षण लोग भले ही विश्वास कर लेते हैं..जब तक ये भरोसा कायम रहता है तब तक आपकी बात और आपका वजन रहता है..जो झूठ बोलते हैं..जो कामचोर होते हैं..जो धोखाधड़ी करते हैं..उन्हें एक बार पहचानने के बाद लोग उससे दूर होने लगते हैं..सावधान हो जाते हैं..उसकी असलियत जान जाते हैं। आपसे कोई वादा करता है और उसे निभाता नहीं..तो आपकी मन में जो छवि बनती है वही छवि उस शख्स के मन में भी बनती है जब आप वादा करते हैं और उसे पूरा नहीं करते। इसलिए जीवन में जो कहो..उसे पूरा करने की हिम्मत रखो..जो वादा करो..उसे पूरा करने का माद्दा होना चाहिए..अपने को अच्छा दिखाने की कोशिश में यूं ही कुछ भी न कह दो..हम ये कर देंगे..हम ये दे देंगे..ऐसे सैकड़ों लोगों से मेरा वास्ता पड़ा है जो हर रोज किसी बात को पूरा करने का भरोसा दिलाते हैं लेकिन आज तक नहीं कर पाए..मजे की बात ये है कि सफेद झूठ को बार-बार दोहराते हुए लोग नहीं थकते..अपनी पोल खुलने पर भय नहीं खाते..कभी मन को टटोलकर देखो कि किसी से झूठा वादा करने पर उसे आपसे कितनी आस जगती है और जब वो आस टूटती है तो उससे कई गुना दर्द होता है और आपके प्रति कैसी छवि बनती है। हां..कई ऐसे भी लोग हैं जो साफ कहते हैं..केवल उसी क्षण बुरा लगता है लेकिन बाद में समझ आता है कि उसने मुगालते में नहीं रखा..आप दुविधा में नहीं रहे..इसलिए या तो वादा करो मत..और करो तो उसे निभाओ जरूर..बाकी फिर.........