Monday, February 2, 2015

आग का दरिया है..डूब कर जाना है

जीवन में हम जितना जूझेंगे..चिंतन करेंगे..मंथन करेंगे...उतना ही निखार लाएंगे..मोदी हों या केजरीवाल..या किरण बेदी..या फिर अन्ना हजारे...ऐसे हजारों लोग हैं जिन्होंने अपनी सोच..अपनी मेहनत..अपने संघर्ष से अपनी जगह बनाई..चाहे बिग बी हों या सचिन तेंदुलकर...लता मंगेश्कर हों..देश में ऐसी तमाम हस्तियां हैं जिन्हें लेकर हमारे मत भिन्न हो सकते हैं...लेकिन उनकी लोकप्रियता..उनके मुकाम को झुठलाया नहीं जा सकता। हम कह सकते हैं कि इसकी वजह..उसकी पार्टी..उसका परिवार..उसकी हैसियत..जैसे सपोर्ट हैं लेकिन क्या कभी हमने सोचा है कि ऐसे ही हालात में तमाम ऐसे लोग हैं जिनके जाने-माने परिवार हैं या थे..जिनकी हैसियत बड़ी थी..जिनके पास पैसे की कमी नहीं थी..लेकिन वो अपने ऊंचा मुकाम नहीं बना सके। दरअसल जरूरी नहीं कि पिता बड़ा बलवान हो तो बेटा या बेटी भी होगी...किसी भी मुकाम को पाने से ज्यादा मुश्किल भरा है उसे कायम रखना..कई फिल्मी सितारे आए..एक फिल्म के बाद गुमनाम हो गए..कई खिलाड़ी आए...एक-दो मैच के बाद हट गए..कई उद्योगपतियों के बेटों को हम नहीं जानते..तो कई अपने पिता से आगे बढ़ गए..कई लोग ऐसे हैं जो बिना बैकग्राउंड के... अकेले अपने दम पर समाज और देश में स्थान बना पाए। दरअसल जिसने अपनी अच्छी सोच विकसित की..जिसने लगातार संघर्ष किया..जो रुका नहीं...चलता चला गया...वो आगे बढ़ता गया। जीवन मे जितना संघर्ष करेंगे...उतना निखरेंगे...जितना मंथन करेंगे..अपने को बेहतर बना पाएंगे..जिसने सुस्ती दिखाई..लापरवाही दिखाई....संघर्ष में पीछे हट गए..जितनी जल्दी हार मान ली..उतने गडढे में जाएंगे...इसीलिए कहते हैं कि जीवन आग का दरिया है..और उसमें डूब कर जाना है...वक्त कभी थमता नहीं..जो वक्त निकल गया..वो हाथ से गया...हर पल.. हर दम लड़ाई लड़ना..जूझते रहना ही जिंदगी का फलसफा है..बाकी फिर....