Tuesday, August 4, 2015

why do you like porn?

पोर्न की खबर को लोग हाथोंहाथ ले रहे हैं, कोई खुलेआम ले रहा है तो कोई चोरी-चुपके, दरअसल जब से डिजिटल दुनिया आई, तबसे पोर्न बहुत बड़ा subject नहीं रह गया। बेवसाइट पर सब कुछ उपलब्ध होने लगा, मोबाइल की क्रांति में ये और भी आसान हो गया, उसके उपयोग से ज्यादा दुरुपयोग भी होने लगा। हम अपने बच्चों के सामने या फिर अपने से बड़ों के सामने इस subject को लेकर असहज हो जाते हैं.
ये बात अलग है कि पहले से दुनिया बहुत बदली है, मैं जब छोटा था तब जींस शब्द नहीं जानता था, धीरे-धीरे लड़कों में जींस का क्रेज बढ़ने लगा और फिर लड़कियों में, शुरूआत में जब किसी लड़की को जींस पहने देखा तो तरह-तरह की चर्चाएं शुरू होने लगीं, सवाल भी उठने लगे, वक्त और बदला, लड़कियों के बाद महिलाओं ने भी पहनना शुरू कर दिया,  धीरे-धीरे ये आम बात हो गई, अब तो जो महिला जींस न पहने, वो पिछड़े तबके से आने वाली महिला कहलाने लगी।


जींस से आगे बढ़े तो कट स्लीव, नो स्लीव पर आ गए, इससे आगे बढ़े तो स्कर्ट और मिनी स्कर्ट पर आ गए, इससे भी बहुत आगे बढ़ चुके हैं, जो आम पहनावा बन चुका है, उस पर चर्चा नहीं होती, आज भी कोई लड़की आम ड्रेस से ऊपर है तो उसकी चर्चा होती है, ये सब आया पश्चिम से, जो वहां दस साल पहले हो जाता है उसे दस साल बाद हम भी अपना लेते हैं, वो कपड़ों से ऊपर उठ गए, तो उन्होंने हमारा योगा अपना लिया, शुरू-शुरू में फैशन टीवी आया, उस पर बवाल मचा, फिर tb-6 आया, तो देर रात लोग टीवी पर उसके लिए व्याकुल होने लगे, फिर web आया तो उसकी wave आ गई, पोर्न साइट धड़ल्ले से कुकरमुत्तों की तरह उग आईं, बड़ों की छोड़..बच्चे चोरी-छिपे देखने लगे, पहले सीडी का जमाना था अब तो मोबाइल, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड न जाने क्या-क्या है, एक सेकेंड लगता है न जाने कहां तक कोई भी पोर्न क्लिप पहुंच जाती है। अब ऐसे पोर्न को भी लोग बहुत गंभीरता से नहीं लेते, हां अगर किसी खास व्यक्ति का है, परिचित का है तो मजे लेने के लिए हमारी दिलचस्पी बढ़ जाती है, उसकी करतूत देखने से अपना खून बढ़ जाता है,

असल मुद्दा ये है कि डिजिटल की दुनिया में आप कुछ नहीं रोक सकते, एक क्लिप और एक मैसेज एक सेकंड में इतनी दूरी तय कर लेता है, इतनी उसकी कापी हो जाती है कि आप पकड़ नहीं सकते, जहां तक पोर्न का मसला है तो ये हम खुद रोक सकते हैं, हम खुद तय कर सकते हैं कि हमें क्या करना है, कितना करना है और कैसे करना है, नहीं तो पोर्न तो डिजिटल में ही नहीं हमारे विचारों में हैं, हमारी सोच में है, हमारी निगाहों में हैं, इसे कौन कैसे रोकेगा, ये तो हमें ही रोकना है...बाकी फिर..........ये भी पढ़िए..bhootstoryworld.blogspot.com  whatappup.blogspot.com