Thursday, August 13, 2015

राधे मां आपको किस क्यों नहीं कर सकतीं?

गुड़गांव एयरपोर्ट पर मेरे बैग को चैकिंग के लिए रोक लिया गया..और उसमें रखी सेविंग किट से छोटी सी कैंची को निकालने को कहा गया..ऐसे ही मेरे एक परिचित सरोता रखे हुए थे..उनका सरोता जब्त कर लिया गया लेकिन राधे मां ईश्वर का रूप हैं..बल्कि ये मैं कुछ कम कह रहा हूं उनके भक्त तो उन्हें साक्षात ईश्वर मानते हैं...इसलिए वो त्रिशूल लेकर हवाई जहाज में सफर कर सकती हैं...जाहिर है आम आदमी पहले तो हवाई जहाज में सफर करने लायक नहीं होता और अगर इमरजेंसी में वो जाता भी है तो उसके लिए नियम-कायदे कानून पूरे लागू होते हैं।


कानून हमारी संसद बनाती है जहां पूरे सत्र में एक दिन नहीं होता..जिसमें दो सौ करोड़ रुपए बेकार चले जाते हैं...संसद नहीं चल पाती..जब चलती है तो कानून बनते हैं और फिर वो कानून आम आदमी के लिए होते हैं..वीआईपी के लिए कोई कानून नहीं होता..राधे मां तो ईश्वर हैं..धरती पर उतर आई हैं..या फिर कहें आम आदमी थीं लेकिन अचानक उनमें ईश्वर दाखिल हो गए..कहती हैं शिवजी सीधे उनके भीतर हैं..हांलाकि नाम उनका राधे मां हैं...उनके हेयर स्टायलिस्ट बालीवुड के हैं..ड्रेस डिजायनर बालीवुड के हैं...मेकअप किट के 25 हजार मांगती हैं...चौकी लगवाने के लिए 5 लाख से 25 लाख लगते हैं...जो चौकी लगवाते हैं वही उन्हें गोद में उठा सकते हैं..वही उन्हें किस कर सकते हैं..वो भी उन्हें किस कर सकती हैं..थूका हुआ प्रसाद ऐसे बड़े लोगों को ही नसीब होता है.वो खुद को मां कहती हैं..और कहती हैं कि एक मां अपने बच्चे को किस कर सकती है..और मां को गोद में उठाने में क्या दिक्कत है..बात तो सही है...मां को गोद में उठाने में पुण्य ही मिलेगा..लेकिन मां महंगी है..आम आदमी को गोद में उठाने का मौका नहीं मिलता...आम आदमी किस भी नहीं कर सकता..लेकिन ऐसी मां नहीं देखी..ऐसा भगवान नहीं देखा जो हजारों का मेकअप करता हो..डिजायनर साड़ी पहनता हो..भगवान को सजने-संवरने की क्या जरूरत है.

राधे मां भगवान हैं इसलिए हवाई जहाज में त्रिशूल लेकर चल सकती है..कुछ लोग नाहक ही त्रिशूल पर सवाल उठा रहे हैं..त्रिशूल तो भगवान का अस्त्र है..भगवान धारण करते हैं..राधे मां भी धारण करती हैं..और राधे मां भी भगवान का इस कलयुग में अवतार हैं...इसलिए उनसे कोई सवाल नहीं उठा सकता..न ही एयरपोर्ट के अधिकारी..या सुरक्षाकर्मी उठा सकते हैं.....छोटे लोग दुत्कार के लिए बने हैं..कानून का पालन करने के लिए बने हैं...दो वक्त की रोजी-रोटी के लिए संघर्ष के लिए बने हैं..कुछ पल के लिए मुझे गुस्सा आया था कि राधे मां त्रिशूल लेकर कैसे हवाई जहाज में कैसे चल सकती है..और मैं सेविंग किट की छोटी सी कैंची लेकर क्यों नहीं चल सकता है..भगवान और आम आदमी को अपना फर्क समझना चाहिए...आप भी समझ लें. देश भी समझ ले..बाकी फिर......
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