Wednesday, September 9, 2015

जो डर गया..वो मर गया

नई दिल्ली में दो बहनें हैं एक नाम है सुरभि और दूसरी का सिमरन..21 साल की सुरभि कानून की पढ़ाई कर रही है और बच्चों को टयूशन भी पढ़ाती है.. 19 साल की सिमरन साइंस से ग्रेज्यूएशन कर रही है। दोनों रात नौ बजे अपने 8 साल के छोटे भाई के लिए बर्थडे गिफ्ट और केक लेकर लौट रही थीं। घर के पास स्ट्रीट लाइट बंद थी जिस वजह से गली में अंधेरा छाया हुआ था....छोटी बहन सिमरन सीढ़ियों से घर के अंदर दाखिल हो चुकी थी जबकि सुरभि नीचे थी..एक हाथ में सामान था और दूसरे हाथ में मोबाइल से बात कर रही थी..तभी किसी ने पीछे से अचानक उसकी गर्दन दबोची और मुंह को दबा दिया ताकि चीख न निकल पाए। इसके बाद बदमाश उसका पर्स और मोबाइल छीनने लगा।

यहां तक बदमाश की बारी थी..उस लड़की ने बिना पीछे देखे..पलटकर जोरदार मुक्का उस शख्स के मुंह और पेट में जड़ दिया। बदमाश पेट पकड़कर कराहता हुआ भागा..इसके साथ ही लड़की चोर-चोर की आवाज लगाती हुई चिल्लाने लगी। छोटी बहन ने जैसे ही आवाज सुनी..वो भी ऊपर से नीचे सीढ़ियों से भागी और दोनों बहनों ने उस बदमाश का पीछा करना शुरू किया। इस भागदौड़ में बाकी लोग तमाशा तो देखते रहे लेकिन किसी ने साथ देने की नहीं सोची। नई दिल्ली के शादीपुर मेट्रो स्टेशन के पास एक और पैदल जा रहे शख्स की मदद से दोनों बहनों ने उस बदमाश को पकड़ लिया और कराटे के दांव-पेंच से नीचे गिरा दिया..बदमाश बेहोश होने का ड्रामा करने लगा लेकिन तब तक भीड़ तंत्र इकट्ठा हो चुका था..उसकी जमकर धुनाई हुई। इसके बाद पुलिस को बुला लिया गया।
इन दोनों लड़कियों ने दिल्ली पुलिस की सेल्फ डिफेंस प्रोगाम में ट्रेनिंग ली थी..जहां उन्हें जूडो-कराटे के कुछ टिप्स सिखाए गए थे कि कैसे बदमाशों पर पलटकर अटैक करना है। जैसे पीछे से कोई पकड़े हैं तो अपनी कुहनी को पीछे जोर से मारना है। मुंह पर किस तरह मारना है। सेफ्टी के लिहाज से ये लड़की बैग में पेपर स्प्रे लेकर चलती है। ट्रेनिंग तो काम आई ही..सबसे ज्यादा काम आया लड़कियों का आत्मविश्वास।
कहते हैं कि जो डर गया..वो मर गया...यदि आप में आत्मविश्वास है..हिम्मत है..हौसला है..तो इस तरह के सुखद नतीजे सामने आते हैं। उस बदमाश में भी आत्मविश्वास था..गलत काम के लिए...बल्कि अति आत्मविश्वास था..जिसे ओवर कान्फीडेंस कहते हैं...उसने लड़कियों का पीछा कर घर के बाहर लूटने का दुस्साहस जुटाया...यदि लड़कियां कमजोर होतीं..डरपोक होतीं..तो वो लूट कर चला जाता..और रो-पीटकर कोई कुछ नहीं कर पाता। उनमें इतनी हिम्मत थी..जितनी उस बदमाश में नहीं थी..इसलिए उस पर भारी पड़ीं...बेहतर जीवन हमें यही सिखाता है..कि जीवन जीयो तो हिम्मत के साथ जीयो...डरकर नहीं। उन्होंने बाकी लड़कियों को भी कहा है कि प्लीज..डरो मत..मुकाबला करो। बाकी फिर.......

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