Saturday, September 19, 2015

लूट सके तो लूट

बकरी का दूध एक हजार से दो हजार रुपए लीटर, ब्लड टेस्ट सौ रुपए से बढ़कर छह सौ रुपए, पपीते के छिलके, गिलोय, नारियल पानी बाजार से या तो गायब हो गए, या फिर उनकी कीमत इतनी बढ़ गई है कि आम आदमी बेहाल हो जाए, अस्पतालों की ये हालत हो गई कि भर्ती कराने के लिए लोगों को सिफारिश का सहारा लेना पड़ रहा, उसके बाद मुंह मांगी कीमत तो देनी ही है, हाथ-पैर भी जोड़ना है..आखिर जिंदगी का सवाल है। जो पीड़ित हैं, वो लुट रहे हैं, तन से भी..मन से भी धन से भी, इसके बाद भी उपाय नहीं सूझ रहा कि क्या करें क्या न करें।

मेडिकल स्टोर पर लोग पहले से ही डर के मारे दवा खरीदने पहुंच रहे हैं..एक भला मेडिकल स्टोर वाला समझाने लगा कि यदि दवा खाकर प्लेटलेटस बढ़ा लोगे तो घटाने के लिए भर्ती होना पड़ेगा। जिसको जो राय दे रहा है..उसी के पीछे भाग रहा है..कोई कह रहा है कि रामदेव की गोलियां खा लो..बचे रहोगे..लोग रामदेव के स्टोर पर चक्कर काट रहे हैं..रामदेव के किराना स्टोर पर किराने का सामान है..जहां वैद्य बैठते हैं वहां दवा मिलती है..लोग उनका पता तलाश रहे हैं...ऐसे में दवाओं का ब्लैक हो रहा है..और जो बचाव सामग्री है उसका भी।
ये तो हुई पीड़ितों की बात, जो इस मामले में दूसरी साइड हैं..उनकी निकल पड़ी है। कमाई का मौसम बहार लेकर आया है..डेंगू है कि मानता नहीं..और जितना लंबा खिचेगा..उतना फायदा है। वो ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि डेंगू कुछ महीने और चले..जितना कमा सकते हो..कमा लो..पता नहीं फिर डेंगू कब आएगा और कितना आएगा। डाक्टरों की कमाई तो हो रही है..साइड बिजनेस भी खूब चल रहे हैं। आखिर वो भी क्या करें..पापी पेट को पालना है तो कमाई करनी ही है..वो नहीं करेंगे तो कोई दूसरा करेगा। उसके हिस्से का दूसरा ले जाएगा।
जो ज्यादा कमाना चाहते हैं वो थोड़ा और डरा दे रहे हैं कि डेंगू का मामला है..सोचो मत..ये तो कम है..खैर मनाओ..इतने कम में काम हो रहा है..जिंदगी से तो बढ़ी कीमत नहीं...पैसा तो बाद में और कमा लोगे..मन ही मन कह रहे हैं..अभी हमें कमाने दो..
सरकार भी अपनी पीठ ठोक रही है..सब बढ़िया चल रहा है..सब भर्ती होंगे..कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा, सब डाक्टर काम कर रहे हैं..सब पैरामेडिकल स्टाफ काम कर रहा है..वो तो मौसम का प्रकोप है इसलिए ज्यादा हो जाएगा..जैसे ही मौसम ठीक होगा..सब ठीक हो जाएगा..यानि हम मौसम के हवाले हैं..मौसम नहीं मानेगा तो कोई कुछ नहीं कर पाएगा..इनमें से कोई उन घरों में जाकर देखे जहां मौत पसरी हुई है..उनसे पूछकर देखे कि उन पर क्या बीत रही है..जब जो भुगतता है..वही जानता है..बाकी फिर...