Saturday, January 24, 2015

कौन है सच्चा दोस्त?

जीवन में हर कोई चमत्कार को नमस्कार करता है..लेकिन कभी हमने ये सोचा है कि आखिर क्यों?..जीतने वाले को हम याद रखते हैं..हारने वाले को भुला देते हैं...जिससे फायदा हो सकता है..उसके करीब जाने की कोशिश करते हैं..जिससे कुछ पाने की उम्मीद नहीं..उससे दूर जाने की कोशिश होती है...कोई कामयाबी के शिखर चूमता है तो हम रिश्तेदारी निकाल लेते हैं..कहते हैं कि अरे.उसके साथ तो हमने न जाने कितने दिन बिताए हैं..वो कैसा था..वो ऐसा था..वो वैसा था...अब बन गया तो क्या हुआ?..मैं वो जानता हूं.जो आप नहीं जानते..अगर आप कामयाब हैं तो परिवार वाले हों..दोस्त हों या जानने वाले हैं..आपकी कमियां भूल जाते हैं..जब आप नीचे जाते हैं तो आपकी कमियां ऊपर आती हैं...जब आप जीतते हैं तो आपकी खूबियां नजर आती हैं..जो जीतता है वो भी यही करता है..उन्हें भुला देने की कोशिश करता है जो अब उसके स्तर के नहीं..या जिनसे अब उसका भला होने वाला नहीं...दरअसल कोई भी हो..कितने ही कामयाबी के शिखर पर हो....स्वार्थ उसका पीछा नहीं छोड़ता..जहां हमारा फायदा है तो हम फोन नंबर तलाश लेते हैं और जहां मतलब नहीं तो फोन नंबर होते हुए भी डिलीट मार देते हैं..यानि हम जिसे पहचानना चाहते हैं..उसे ही पहचानते हैं नहीं तो इनकार कर देते हैं...जीवन के अलग-अलग पड़ाव में न जाने हम कितने ही दोस्तों को भूल गए होंगे..कितने ही मदद करने वालों को भूल गए होंगे..जहां आज हम खड़े हैं..जिनसे आज हमें लेना-देना है..हम उसी सर्किल में घूमते हैं..जिनसे अब काम नहीं..उनसे पहचान बनाकर भी क्या करेंगे? आज जो हमारा BOSS है..उससे हमारी करीबी जरूरी है..उसकी दस गलतियां माफ हैं..उसकी हर कमी खूबी है...जो दोस्त काम का है..उससे हम ऐसा अपनापन दिखाएंगे कि जैसे उसके बिना आपका जीवन अधूरा है..जो आपसे मदद मांगने आएगा..या तो आप उससे मिलेंगे नहीं..या फिर पीछा छुड़ाने की जुगत में भिड़ जाएंगे...गिव एंड टेक...इस हाथ दो..उस हाथ लो...जीवन में जब जैसा उचित है..वैसा ही करना है..इन सबसे अलग चंद लोग ऐसे भी मिलेंगे..जो कहीं भी हो..कितने ही नाम वाले हों...कितने ही पैसे वाले हों..पर आपके दुखदर्द में शामिल होंगे..बिना सोचे-समझे आपका साथ देंगे..सच्चे दोस्त वहीं हैं..ये आपको तय करना है कि आप ऐसे लोगों को पहचान लें..जीवन में वही काम आएंगे..नहीं तो स्वार्थ की दुनिया में लोग आपसे अपने आप जुड़ेंगे भी..अपने आप किनारा भी कर लेंगे..आप ऐसे लोगों को कोसते रह जाएंगे..अपने आपको को कोसते रह जाएंगे..बाकी फिर