जीवन में हर पल हम समय गंवाते जा रहे हैं..इसलिए समय की महिमा हमें समझनी होगी..वक्त लौटकर नहीं आता...पता नहीं हमें कब तक जीना है लेकिन जब तक जीना है..आनंद से जीना है रो-रो कर नहीं...यदि हम वक्त की कीमत समझते हैं तो हम जीवन का पूरा-पूरा लाभ उठाते हैं और उसे बेहतर बना सकते हैं। हर पल महत्वपूर्ण है जितना वक्त हम फालतू गंवाएंगे..उतना ही हम पीछे होते जाएंगे...जो भी काम करना है उसे अगर वक्त पर करते हैं तो हम उसे सफलतापूर्वक कर लेते हैं और लेट होने के कितने नुकसान हैं..उससे हम हर दिन रुबरू होते रहते हैं। जो सोने का वक्त है..जो खाने का वक्त है..जो पढ़ाई का वक्त है..जो फेसबुक-ट्विटर का वक्त है उसी वक्त उसका उपयोग करें तो बेहतर..यहां भी अगर संतुलन गड़बड़ाएगा तो दिक्कत होगी। कई लोग दिन भर सोशल साइट पर रहते हैं..यदि उस पर वो रचनात्मक काम कर रहे हैं तो ठीक हैं लेकिन फालतू समय गंवा रहे हैं..तो आपका जो मूल काम है..वो पीछे छूट जाएगा। कहते हैं कि वक्त से पहले कुछ नहीं मिलता..तो वक्त के बाद भी कुछ नहीं मिलता...यदि आप रात भर जागेंगे तो अगली दिनचर्या बिगड़ जाएगी। टाइम मैनेजमेंट से बड़े-बड़े से काम आसान होते हैं और तय वक्त पर होते हैं..सफलतापूर्वक होते हैं। सुबह से लेकर रात तक अगर आप एक सिस्टम में चलते हैं..समय पर भोजन..समय पर सोना..समय पर कामकाज..समय पर मनोरंजन..तो जीवन को तेजी से आगे ले जाएंगे..यदि वक्त के पाबंद नहीं तो...जीवन का सदुपयोग कम कर पाएंगे। एक काम में देरी से हर काम देरी से होगा..हड़बड़ाहट में होगा..बेहतर नहीं होगा....इसीलिए कहते हैं कि समय लौटकर नहीं आता..चलिए समय के साथ...बाकी फिर.....