क्या आप झूठ बोलते हैं..नहीं..यही जवाब मिलेगा लेकिन सच ये है कि अभी-अभी आपने या हमने झूठ बोला कि हम झूठ नहीं बोलते..दरअसल हम दूसरे का झूठ याद रखते हैं अपना झूठ नहीं..जो हम सुबह से रात तक कई बार बोलते हैं...ऐसे-ऐसे झूठ..कि आप और हम कल्पना नहीं कर सकते। मसलन..बच्चे को स्कूल नहीं जाना है तो पेट दर्द-सिर दर्द का बहाना करेगा..आप अपने घरवालों या दोस्तों से कहते हैं कि मैं बस पहुंच रहा हूं..जबकि आप चले ही नहीं हो..किसी का पैसा नहीं देना है तो कहोगे कि हमारे पास अभी है नहीं..कहीं से आना है..बस मिल जाएगा..
हकीकत ये नहीं होती..मेरे कई दोस्त आलीशान मकान में रह रहे हैं..महंगी कार मेंटेन कर रहे हैं..बच्चे नामी स्कूल में पढ़ रहे हैं..महंगे शौक फरमा रहे हैं...लाइफ स्टाइल से झलक रहा है कि आपको कोई दिक्कत नहीं..लेकिन जब बात करेंगे तो बोलेंगे कि बड़ी तंगी है..खर्चा चल नहीं रहा...एकाउंट में पैसा नहीं...अगर जल्दी ही इंतजाम नहीं हुआ तो जिंदगी मुश्किल हो जाएगी...मेरे कई दोस्तों का मुझे पता है कि वो बीमार हैं...किसी के हाथ में दिक्कत है..किसी की आंख में..लेकिन फेसबुक पर उनके दनादन पोस्ट हैरत में डाल देते हैं..किसी के माता-पिता बीमार हैं..लेकिन वाटस अप पर आप गुल खिला रहे हैं..हम बहाना बनाते हैं...हम नाटक करते हैं...
अगर कोई ये कहता है कि मैंने कभी झूठ नहीं बोला..ये हो ही नहीं सकता..अगर एक दिन..अपने मन में झूठ बोलने का रिकार्ड रखने की कोशिश करोगे..तो समझ में आ जाएगा कि मैं कितना झूठ बोल रहा हूं...अपने झूठ को हम मजबूरी की आड़ भी बड़ी खूबसूरती से ले लेते हैं। जो गंदा काम कर रहे हैं..वो भी कहते हैं कि अरे साब..क्या करता...मजबूरी थी..इसलिए मैंने ऐसा किया..एक और छोटा सा उदाहरण देते हैं कि छोटे से बच्चे को बहलाने के लिए...आप क्या-क्या झूठ बोलते हैं...अपने सीनियर को एक छुट्टी के लिए तो आप गिर ही पड़ते हो..अगर थोड़ी ही देर हुई तो शायद आपका बचना मुश्किल हो जाए...किसी की शादी में नहीं पहुंचे..किसी के निधन पर नहीं पहुंचे...तो आप कितने झूठ बोलते हो..आपका झूठ तो आप ही जानते हो..पर जो नेता हैं..नामी-गिरामी शख्सियत हैं..उनके झूठ तो सबको दिखते हैं. और हम भी कहते हैं कि देखो.कितना झूठ बोलता है....एक बार गिनने की कोशिश करो..कि हम कितने झूठ बोलते हैं..क्यों बोलते हैं और झूठ बोलना कितना कम कर सकते हो..ये आपको तय करना है बाकी फिर......
हकीकत ये नहीं होती..मेरे कई दोस्त आलीशान मकान में रह रहे हैं..महंगी कार मेंटेन कर रहे हैं..बच्चे नामी स्कूल में पढ़ रहे हैं..महंगे शौक फरमा रहे हैं...लाइफ स्टाइल से झलक रहा है कि आपको कोई दिक्कत नहीं..लेकिन जब बात करेंगे तो बोलेंगे कि बड़ी तंगी है..खर्चा चल नहीं रहा...एकाउंट में पैसा नहीं...अगर जल्दी ही इंतजाम नहीं हुआ तो जिंदगी मुश्किल हो जाएगी...मेरे कई दोस्तों का मुझे पता है कि वो बीमार हैं...किसी के हाथ में दिक्कत है..किसी की आंख में..लेकिन फेसबुक पर उनके दनादन पोस्ट हैरत में डाल देते हैं..किसी के माता-पिता बीमार हैं..लेकिन वाटस अप पर आप गुल खिला रहे हैं..हम बहाना बनाते हैं...हम नाटक करते हैं...
अगर कोई ये कहता है कि मैंने कभी झूठ नहीं बोला..ये हो ही नहीं सकता..अगर एक दिन..अपने मन में झूठ बोलने का रिकार्ड रखने की कोशिश करोगे..तो समझ में आ जाएगा कि मैं कितना झूठ बोल रहा हूं...अपने झूठ को हम मजबूरी की आड़ भी बड़ी खूबसूरती से ले लेते हैं। जो गंदा काम कर रहे हैं..वो भी कहते हैं कि अरे साब..क्या करता...मजबूरी थी..इसलिए मैंने ऐसा किया..एक और छोटा सा उदाहरण देते हैं कि छोटे से बच्चे को बहलाने के लिए...आप क्या-क्या झूठ बोलते हैं...अपने सीनियर को एक छुट्टी के लिए तो आप गिर ही पड़ते हो..अगर थोड़ी ही देर हुई तो शायद आपका बचना मुश्किल हो जाए...किसी की शादी में नहीं पहुंचे..किसी के निधन पर नहीं पहुंचे...तो आप कितने झूठ बोलते हो..आपका झूठ तो आप ही जानते हो..पर जो नेता हैं..नामी-गिरामी शख्सियत हैं..उनके झूठ तो सबको दिखते हैं. और हम भी कहते हैं कि देखो.कितना झूठ बोलता है....एक बार गिनने की कोशिश करो..कि हम कितने झूठ बोलते हैं..क्यों बोलते हैं और झूठ बोलना कितना कम कर सकते हो..ये आपको तय करना है बाकी फिर......