Monday, January 12, 2015

अकेले आए हो..अकेले जाना है

जीवन में अकेले आए हो..अकेले जाओगे..न किसी ने साथ दिया है न ही देगा..हो सकता है आपको बात कुछ समझ में न आ रही हो..लेकिन ये जिंदगी का कड़वा सच है। बच्चे को पढ़ाने-लिखाने के बाद जैसे ही वो नौकरी पर जाता है और उसकी शादी हो जाती है..यानि वो खुद अपना परिवार बनाता है..समझ लो कि आपका काम खत्म हो गया..चाहे लड़का हो लड़की..खुद की फैमिली यूनिट बनने के बाद उसे अपनी चिंता होती है...और यदि उसे आपकी चिंता भी होती है तो कुछ नहीं कर सकती। हजारों में दो-चार शायद ऐसे हों जो आजकल की आपाधापी में अपने मां-बाप का साथ दे रहे हों..नहीं तो सैकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर उसका खुद का परिवार है..मोबाइल..नेट पर हाय-हैलो होती है..सुख-दुख पूछे जाते हैं..साल-दो साल में मेल-मुलाकात भी होती है..बिलकुल मेहमानों की तरह..खाना-पीना..गपशप..और हफ्ते भर के बाद आप जीवन अकेले जीते हो..और आपका बेटा-बेटी अपनी दुनिया में खो जाते हैं। आपने बेटे-बेटी की भले ही रोज चिंता करें..अपने माता-पिता की चिंता करें..लेकिन ये कड़वा सच है कि हम चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते। सब कुछ अच्छा होने के बाद भी सबकी अपनी-अपनी जिम्मेदारी हैं..और उनसे पार पाना आसान नहीं...ज्यादा होगा तो आर्थिक मदद एक-दूसरे की कर देंगे..लेकिन रोज की जूझती जिंदगी में हर पल आपको ही जीना-मरना है। परिवार तक तो फिर भी गनीमत है..जो नाते-रिश्तेदार हैं..दोस्त..जान-पहचान वाले हैं..उनसे मोह पाला..या फिर कुछ पाने की इच्छा की तो समझ लो बड़ी भूल कर रहे हो..एक-दो ही दोस्त जीवन में ऐसे में होते हैं..जो आपके सुख-दुख में शामिल हो जाते हैं..जबकि वो आपके करीब हों......कहने का मतलब साफ है कि खुद पर भरोसा रखो..खुद निर्णय लेने की क्षमता रखो..दुख भोगने का साहस रखो...एकला चलो रे...यानि आगे बढ़ना है तो किसी के कंधे के इस्तेमाल की जरूरत न समझो...एक वक्त आएगा..खासकर बुढ़ापा..तो सब कुछ शीशे की तरह साफ हो जाएगा..कि वक्त के साथ जीवन कितना बदल गया। जब तक आपकी की किसी को जरूरत है आपके करीब है..जब आपको जरूरत है तो वो पकड़ में नहीं आएगा...रोज दुआ सलाम करने वाला भी आपसे नजर फेर कर चला जाएगा। ओहदा होगा..मधुमक्खी की तरह लोग आपसे चिपकने लगे हैं..पैसा होगा तो चापलूसों का अंबार लग जाएगा..ताकत होगी..लोग डर के मारे आपकी खिदमत में जुट जाएंगे..जब कुछ नहीं होगा तो गधे के सिर से सींग की तरह लोग गायब हो जाएंगे..इसलिए जो करना है खुद करना है..जीवन की लड़ाई अकेले लड़ने के लिए तैयार रहो...उत्साह के साथ...जूझने की क्षमता के साथ..जीवन सुधर जाएगा...बाकी फिर.......