Wednesday, March 4, 2015

तन की होली या मन की होली

हर साल हम होली खेलते हैं। हर बार नकली रंगों के जरिए जीवन में असली रंगों को भरने की कोशिश करते हैं..फिर अगले साल का इंतजार करते हैं लेकिन तन से मन में बदलने में कामयाब नहीं हो पाते हैं। हां..कभी-कभी नकली रंगों से अपनी त्वचा या शरीर को नुकसान जरूर पहुंचा लेते हैं। दरअसल तन तो बाहर दिखता है..लगता है कि हम होली खेल रहे हैं...एक-दूसरे को रंग लगा रहे हैं लेकिन ये मन से है या नहीं..ये आपको ही पता है। ये दिन शिकवे-शिकायत दूर करने का होता है..जिन्हें आप पसंद नहीं करते..या फिर जिनसे आपका मनमुटाव हो गया..बोलचाल बंद हो गई..होली के जरिेए सोचते हैं कि फिर से पुराने रंग में लौट आएं लेकिन क्या ऐसा होता है?


पहले ऐसा होता था पर अब जमाना बदल गया। होली क्या..कोई भी त्यौहार हो..बस औपचारिकता रह गया..हम भी कहते हैं कि अब तो बस बच्चों का त्यौहार है...लड़ेंगे..भिड़ेंगे...रूठेंगे और फिर थोड़ी ही देर में साथ खेलते दिखाई देंगे। ये बड़ों के साथ संभव नहीं...बड़ा और छोटा..ये भाव हम से पीछा नहीं छुड़ा पाता..हम किसी से खुद को बड़ा मानते हैं तो फिर हम झुकेंगे क्यों...अगर किसी को हम अपने से बड़ा मानते हैं तो सोचेंगे कि पहल वो करे..यानि दोनों तरह से कोई आगे नहीं आना चाहता इसलिए जरूरत पड़ेगी..मौके की नजाकत होगी तो हम औपचारिकता दिखाएंगे..जिसमें हम माहिर हैं...दिखावे के लिए सामने कोई मिल जाएगा..तो रंग-गुलाल लगाएंगे..गले मिलेंगे..मिठाई का टुकड़ा लेकर आगे बढ़ जाएंगे...ऐसी औपचारिकता हम होली में दिन भर निभाएंगे लेकिन मन से नहीं जुड़ पाएंगे। अगले दिन फिर हम उसी रंग में आ जाएंगे..जो होली के एक दिन पहले था...

यहां तक तो गनीमत है कि हम मन से नहीं जुड़ पाते..लेकिन उनका क्या करें जिन्होंने होली को मनमानी का जरिए बना लिया..बदला लेने का मौका मान लिया..होली आएगी तो किसी तथाकथित दोस्त को टारगेट करेंगे..उसे गडढे में पटकेंगे..उसके कपड़े फाड़ देंगे..और शरीर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे...इसके बाद बुरा न मानो होली है..कह कर चलते बनेंगे। इससे ज्यादा खतरनाक वो लोग हैं जिनके मन में साजिश के रंग हैं। होली का लाइसेंस लेकर महिलाओं के तन से खेलने की कोशिश करेंगे।

तो भाई जरा संभल कर...या तो होली खेलो मत..अगर खेलो तो खिलवाड़ मत करो..न तो होली के साथ.. न ही ही दूसरों के साथ..और ऐसे लोगों से संभल कर रहो..जो साजिश के रंग भरे हैं और आपको निशाना बनाने की तैयारी में हैं। वाकई होली मनाना है तो मन से मनाओ..तन से नहीं....बाकी फिर....