प्रभु अच्छे आदमी है..लेकिन प्रभु क्या करें..इतना बड़ा देश है..इतनी बड़ी रेल लाइन है..इतने यात्री हैं..प्रशासन करप्ट है..पुलिस वाले वसूली की ड्यूटी करते हैं..रेल अफसरों को कमाई से फुर्सत नहीं..तो बदमाश अपना काम कर रहे हैं...उन्हें नहीं मालूम था कि ट्रेन से माननीय मंत्री जयंत मलैया और उनकी पत्नी सुधा मलैया..जो खुद भी बीजेपी की वरिष्ठ नेता हैं...एसी फर्स्ट में सफर कर रहे हैं..पता होता तो शायद अपना प्लान बदल लेते..दूसरी ट्रेन को निशाना बनाते..तब कोई दिक्कत नहीं होती..लेकिन नहीं मालूम था..रूटीन लूटपाट में वो चढ़ गए..निजामुद्दीन-जबलपुर एक्सप्रेस में..
एसी फर्स्ट में सभी को मालूम है कि मालदार लोग सफर करते हैं..इसलिए स्वाभाविक रूप से लूटपाट के लिए उससे अच्छा डिब्बा कोई नहीं हो सकता..लूटपाट की..लूटपाट में उन्हें कोई दिक्कत नहीं आई..माल लेकर चलते बने..मंत्री जी और उनकी पत्नी को पहले लगा होगा कि वो तो नेता हैं..सब उनसे डरते हैं लेकिन बदमाशों ने जब धमकाया..तो उन्हें समझ आया कि बदमाश किसी मंत्री या बीजेपी के नेता से नहीं डरते...सरकार के पास लोकतंत्र हैं..उनके पास गन तंत्र है..जाहिर है गन तंत्र से बड़ा कोई नहीं...इसलिए बदमाशों को कोई परेशानी नहीं...इससे अच्छा शार्टकर्ट नहीं...एक ट्रेन लूटो..महीने भर का तो खर्चा चल ही जाएगा...
लेकिन दिक्कत ये हो गई कि मंत्री जी थे..उनकी पत्नी थी..इसलिए सुबह से मीडिया पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ इस बड़ी खबर पर जुट गया...और उनके साथ ही मध्यप्रदेश के दस सांसद चिंतित हो गए..इसलिए नहीं कि ट्रेन में लूटपाट हो रही है..इसलिए कि मंत्री जी को ही लूट लिया...सो...रेल मंत्री प्रभु जी के पास विरोध जताने पहुंचे..चिंता जताने पहुंचे..दस सांसदों को इतना समय निकालना पड़ा..इतनी चिंता करनी पड़ी..इन सांसदों को शायद नहीं मालूम कि ट्रेनों में हर रोज ऐसा होता है..कल ये घटना हुई और कल ही दूसरी घटना हुई..जो शायद ही किसी को मालूम हो..बेतिया शहर में एक गरीब महिला ट्रेन से कूद गई..अस्पताल में भर्ती है...पता है क्यों..क्योंकि वो जनरल डिब्बे में थी..और तीन-चार बदमाशों ने उससे छेड़छाड़ की..वो क्या करती..उसे जान बचाने के लिए कूदना पड़ा..वो महिला मंत्री नहीं थी..सांसद नहीं थी...इसलिए उस पर किसी ने चिंता नहीं जताई....आप समझ सकते हैं कि इन दोनों में से बड़ी घटना कौन सी थी...जाहिर है कि महिला की थी..लेकिन महिला की खबर अखबारों में भीतर के पेज पर है..शायद ही कोई उसे पढ़े..शायद ही कोई प्रतिक्रिया जाहिर करे..क्योंकि रोज ही ऐसा होता है...उस महिला को हम नहीं जानते..न ही सरकार जानती हैं..न ही नेता जानते हैं..इसलिए मरे तो हमारा क्या..लेकिन मंत्री जी के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए..लेकिन क्या करें..
बदमाश भी धर्मनिरपेक्ष है..वो ऐसा नहीं सोचते..वो तो जज के यहां भी डकैती करने घुस जाते हैं...अगर पुलिस वाला दिक्कत करता है तो उसे भी गोली मार देते हैं...
अब आप भी बताए...क्या इसे ही सरकार राज कहते हैं..सरकार कौन है..सरकार वो है जो दबंग है..जिसके पास गन है..जिसके पास चाकू है..अच्छों-अच्छों की हवा खराब कर दे..चाहे पुलिस वाला हो या अफसर..ज्यादा हथियार हों..जैसे नक्सलियों के पास है तो वो छत्तीसगढ़ के सुकमा कलेक्टर को भी उठा ले जाते हैं..इसलिए ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं...प्रभु भी जानते हैं कि ये सब चलता रहेगा...पुलिस वाले भी जानते हैं..एक-दो दिन बड़े अफसर..मंत्री जी चिल्लाएंगे..फिर शांत हो जाएंगे क्योंकि तब तक दूसरी घटना हो जाएगी..
यहां हर ताजा घटना पर चिंता होती है..पुरानी हो गई तो बात खत्म हो गई...इसलिए केवल 24 घंटे की परेशानी है..उसके बाद सरकार राज अपने रुटीन पर चालू हो जाएगा..सरकार राज यानि दबंग राज...इसलिए मंत्री जी को भी ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए..जो होना था सो हो गया...हमें और आपको भी ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं..ट्रेन में जाओगे तो लूटपाट कभी भी हो सकती है..महिलाओं-बेटियों से छेड़छाड़ कभी भी हो सकती है..सेना के जवान और पुलिस वाले भी कर सकते हैं...इसलिए हमें ही उपाय करना है...हमें ही सोचना है...हमें ही सतर्क रहना है..सरकार के भरोसे में रहने से अच्छा है.. भगवान भरोसे रहिए...ज्यादा सुखी रहोगे...बाकी फिर.....
एसी फर्स्ट में सभी को मालूम है कि मालदार लोग सफर करते हैं..इसलिए स्वाभाविक रूप से लूटपाट के लिए उससे अच्छा डिब्बा कोई नहीं हो सकता..लूटपाट की..लूटपाट में उन्हें कोई दिक्कत नहीं आई..माल लेकर चलते बने..मंत्री जी और उनकी पत्नी को पहले लगा होगा कि वो तो नेता हैं..सब उनसे डरते हैं लेकिन बदमाशों ने जब धमकाया..तो उन्हें समझ आया कि बदमाश किसी मंत्री या बीजेपी के नेता से नहीं डरते...सरकार के पास लोकतंत्र हैं..उनके पास गन तंत्र है..जाहिर है गन तंत्र से बड़ा कोई नहीं...इसलिए बदमाशों को कोई परेशानी नहीं...इससे अच्छा शार्टकर्ट नहीं...एक ट्रेन लूटो..महीने भर का तो खर्चा चल ही जाएगा...
लेकिन दिक्कत ये हो गई कि मंत्री जी थे..उनकी पत्नी थी..इसलिए सुबह से मीडिया पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ इस बड़ी खबर पर जुट गया...और उनके साथ ही मध्यप्रदेश के दस सांसद चिंतित हो गए..इसलिए नहीं कि ट्रेन में लूटपाट हो रही है..इसलिए कि मंत्री जी को ही लूट लिया...सो...रेल मंत्री प्रभु जी के पास विरोध जताने पहुंचे..चिंता जताने पहुंचे..दस सांसदों को इतना समय निकालना पड़ा..इतनी चिंता करनी पड़ी..इन सांसदों को शायद नहीं मालूम कि ट्रेनों में हर रोज ऐसा होता है..कल ये घटना हुई और कल ही दूसरी घटना हुई..जो शायद ही किसी को मालूम हो..बेतिया शहर में एक गरीब महिला ट्रेन से कूद गई..अस्पताल में भर्ती है...पता है क्यों..क्योंकि वो जनरल डिब्बे में थी..और तीन-चार बदमाशों ने उससे छेड़छाड़ की..वो क्या करती..उसे जान बचाने के लिए कूदना पड़ा..वो महिला मंत्री नहीं थी..सांसद नहीं थी...इसलिए उस पर किसी ने चिंता नहीं जताई....आप समझ सकते हैं कि इन दोनों में से बड़ी घटना कौन सी थी...जाहिर है कि महिला की थी..लेकिन महिला की खबर अखबारों में भीतर के पेज पर है..शायद ही कोई उसे पढ़े..शायद ही कोई प्रतिक्रिया जाहिर करे..क्योंकि रोज ही ऐसा होता है...उस महिला को हम नहीं जानते..न ही सरकार जानती हैं..न ही नेता जानते हैं..इसलिए मरे तो हमारा क्या..लेकिन मंत्री जी के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए..लेकिन क्या करें..
बदमाश भी धर्मनिरपेक्ष है..वो ऐसा नहीं सोचते..वो तो जज के यहां भी डकैती करने घुस जाते हैं...अगर पुलिस वाला दिक्कत करता है तो उसे भी गोली मार देते हैं...
अब आप भी बताए...क्या इसे ही सरकार राज कहते हैं..सरकार कौन है..सरकार वो है जो दबंग है..जिसके पास गन है..जिसके पास चाकू है..अच्छों-अच्छों की हवा खराब कर दे..चाहे पुलिस वाला हो या अफसर..ज्यादा हथियार हों..जैसे नक्सलियों के पास है तो वो छत्तीसगढ़ के सुकमा कलेक्टर को भी उठा ले जाते हैं..इसलिए ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं...प्रभु भी जानते हैं कि ये सब चलता रहेगा...पुलिस वाले भी जानते हैं..एक-दो दिन बड़े अफसर..मंत्री जी चिल्लाएंगे..फिर शांत हो जाएंगे क्योंकि तब तक दूसरी घटना हो जाएगी..
यहां हर ताजा घटना पर चिंता होती है..पुरानी हो गई तो बात खत्म हो गई...इसलिए केवल 24 घंटे की परेशानी है..उसके बाद सरकार राज अपने रुटीन पर चालू हो जाएगा..सरकार राज यानि दबंग राज...इसलिए मंत्री जी को भी ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए..जो होना था सो हो गया...हमें और आपको भी ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं..ट्रेन में जाओगे तो लूटपाट कभी भी हो सकती है..महिलाओं-बेटियों से छेड़छाड़ कभी भी हो सकती है..सेना के जवान और पुलिस वाले भी कर सकते हैं...इसलिए हमें ही उपाय करना है...हमें ही सोचना है...हमें ही सतर्क रहना है..सरकार के भरोसे में रहने से अच्छा है.. भगवान भरोसे रहिए...ज्यादा सुखी रहोगे...बाकी फिर.....