Wednesday, March 18, 2015

हे भगवान ..कुछ तो रहम करो...

दिल्ली भारत की राजधानी..2011 के आंकड़ों के हिसाब से दिल्ली की आबादी 1.68 करोड़...मतदाता 1.33 करोड़..और आधार कार्ड कितने बने हैं अब तक..जानकर हैरान हो जाएंगे...1.68 करोड़...ये सरकार की तेजी है कि न तो आबादी बढ़ पाई..न मतदाता बढ़ पाए लेकिन आधार कार्ड बढ़ गए...करीब 35 लाख...क्यों बढ़े..इसकी वजह भी यूआईडीएआई बहुत ही साइंटिफिक तरीके से बता रही है...उसके मुताबिक ये सामान्य है..दिल्ली में बड़ी तादाद में दूसरे राज्यों और आसपास के शहरों के लोग आते-जाते रहते हैं लेकिन अपना आवासीय पता नहीं बदलवा पाते...और गुड़गांव का भी व्यक्ति दिल्ली में आधार का पंजीकरण करा सकता है। हैरानी की बात ये है कि यूआईडीएआई का इतना बड़े नेटवर्क को नहीं पता कि उनकी एजेंसियां और दलाल किस तरह से आधार कार्ड बनवा रहे है.आतंकी भी आसानी से ये कार्ड बनवा सकते हैं...बच्चे-बच्चे को मालूम है...झुग्गीवासियों को मालूम है कि आधार कार्ड कैसे बनता है..अगर चाहें तो यूआरडीएआई के परिवार के लोगों का आधार कार्ड आसानी से बनाया जा सकता है..महज तीन सौ रुपए में...


मोदी जी ने संसद में बताया कि हमने वो किया..जो यूपीए सरकार नहीं कर पाई..उसने आधार कार्ड की कवायद शुरू की थी..लेकिन उससे कई गुना आधार कार्ड हमने इतने कम समय में बनवा दिए..अब आपको बताते हैं कि एक छोटी सी गुमटी में के बाहर सरेआम बोर्ड लगा हुआ है कि यहां आधार कार्ड बनाया जाता है...वो पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस सब कुछ बना रहा है...आधार कार्ड का फार्म देगा..तीन सौ रुपए लेगा..जो भरना है..भर दो...कोई कागज नहीं..कोई वेरीफिकेशन नहीं...आपका आधार कार्ड जेनरेट हो जाएगा....नोएडा में ही कुछ स्टूडेंट पकड़े गए..जो ये काम कर रहे थे...वो भी उस लेपटाप से..जिसे अखिलेश सरकार ने पढ़ने के लिए दिया था....

आधार कार्ड बनने की प्रक्रिया जब शुरू होनी थी..तो बताया गया था कि ये बड़ा ही महत्वपूर्ण होगा..साइंसिटिफक तरीके से बनेगा...एक ही कार्ड से सब जगह आपकी पहचान हो जाएगी..लेकिन देश में जिस तरह दूसरी प्रक्रियाओं का हुआ..उससे बुरी गत इसकी हो गई। ड्राइविंग लाइसेंस आप किसी के नाम से बनवा लो..वोटर आईडी फर्जी बनवा लो..पेन कार्ड बनवा लो..कोई भी कार्ड बनवा लो..वो भी कुछ सौ रुपए में....हां ये जरूर है कि आप अगर पैसा खर्च नहीं करोगे तो चाहे कितने पहचान पत्र हों..एड्रेस प्रूफ हों..आयु प्रमाण पत्र हो..धक्के खाते रहोगे...महीनों..साल बीत जाएंगे लेकिन वो कार्ड नहीं बन पाएगा।

सबसे बड़ी हैरानी इस बात की है कि देश में जहां आई बी है..सीबीआई है...सरकारी तंत्र है..पुलिस है..प्रशासन है..फिर भी सरकार हो ये मालूम नहीं..प्रधानमंत्री जी को ये किसी ने नहीं बताया कि मात्र तीन सौ रुपए में आधार कार्ड बन रहा है..एजेंसी को सरकार से पैसा मिल रहा है..ऊपर से वो जनता से पैसा लूट रहे हैं..और फर्जी कार्ड बना कर सरकार वाह-वाही लूट रही है..दोनों खुश हैं..सरकार भी खुश है..एजेंसी भी खुश है....
गली-गली में शोर होता है..पर सरकार और उनके खुफिया तंत्र को ये पता नहीं होता..कि दिल्ली और एनसीआर में भी कुकुरमुत्तों की तरह हजारों दुकानें..गली-गली में खुली हुई हैं..जहां बाकायदा लिखा हुआ है..कि यहां पैन कार्ड..ड्राइविंग लाइसेंस...आधार कार्ड..पासपोर्ट बनवाए जाते हैं..हर किसी को मालूम है कि कितने पैसे लगेंगे..फिर भी देश में सुशासन है..राम राज्य है...सबका साथ..सबका विकास है...आम आदमी की सरकार है..हे..भगवान...कुछ तो रहम करो...बाकी फिर....