दसवीं कक्षा की बात है..उस वक्त सीबीएसई कोई नहीं जानता था..यूपी या एमपी बोर्ड हुआ करता था..मुझे भी यूपी बोर्ड की परीक्षा देनी थी। कस्बे के एक स्कूल में..जो हाईस्कूल तक ही था..गांव-देहात का माहौल था..एक साथी था..जो दिन-रात पढ़ाई करता था..नाम था धर्मदास..स्कूल के सारे साथियों को पूरा भरोसा था कि ये क्लास में अव्वल आएगा..और फर्स्ट डिवीजन पास होगा..उस वक्त 60% में फर्स्ट डिवीजन होती थी..जो बहुत मायने रखती थी। धर्मदास का और कोई काम नहीं था..कोई एक्टिविटी नहीं थी..गांव से आकर किराए के कमरे में पढा़ई कर रहा था। अकेला..खाना बनाने के अलावा और कोई काम नहीं..10 से 12 घंटे की पढ़ाई..सभी को उस पर आस थी..लेकिन जब रिजल्ट आया तो बहुत ही चौंकाने वाला..धर्मदास फेल हो गया। उसकी कोई गलती नहीं थी..पढ़ाई तो उसने बहुत की थी लेकिन क्या कमी रही कि वो फेल हो गया?
दरअसल हम मेहनत कितनी ही कर लें..अगर प्लानिंग से नहीं है..अनुशासन से नहीं है..फोकस नहीं है..तो उस मेहनत का फल नहीं मिलता। आईआईटी और आईआईएम या फिर आईएएस में सिलेक्ट होने वाले बच्चों की बातें गौर से सुनें तो साफ जाहिर है कि केवल वक्त देना ही काफी नहीं...हमें क्या पढ़ना है..कैसे पढ़ना है..उसकी पूरी प्लानिंग बनाकर चलते हैं तो कामयाबी जरूर मिलती है..केवल प्लानिंग नहीं..उस पर अमल भी जरूरी है और उसके लिए चाहिए अनुशासन...किस वक्त क्या करना है...उसका समय तय होना चाहिए..अनुशासन ही है जो हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता है और फिर हम पूरे उत्साह से आगे बढ़ते हैं। हम अक्सर देखते हैं कि कई बच्चे दिन-रात किताब लिए पढ़ते रहते हैं..आंखें भले ही किताब पर हो..मगर मन तो चंचल होता है वो पलक झपकते न जाने कहां तक पहुंच जाता है..आप खुद ये जानते हैं...भले ही आप कुछ भी कर रहे हों..लेकिन मन अगर उस जगह नहीं है..उस काम में तल्लीन नहीं है तो घंटे भर की पढ़ाई के बाद भी कुछ हासिल नहीं होगा..हम खुद पर भी ये लागू कर देख सकते हैं..कई बार आप से कोई चीज नीचे गिर जाती है..आप कोई चीज रखकर कुछ ही देर बाद भूल जाते हैं..कोई तिथि..कोई काम आप से मिस हो जाता है..क्योंकि हमारा मन कहीं और होता है। अगर हम पहले दिन से पढ़ाई नियमित रूप से करते हैं..फोकस होकर करते हैं..तो परीक्षा के वक्त आप पढ़ें या न पढ़े..कोई खास फर्क पड़ने वाला नहीं।
ईमानदारी से एक घंटे की पढ़ाई...चार-पांच घंटे किताब लेकर बैठने से ज्यादा अच्छी है। जब हम फोकस होकर कोई काम करते हैं तो वो जल्दी होता है..और बेहतर होता है...शारीरिक शक्ति और मानसिक शक्ति अगर हमारी प्रबल है तो निश्चित ही सफलता मिलती है। जो बच्चे ज्यादा कामयाब होते हैं..वो केवल पढ़ाई ही नहीं करते..मनोरंजन भी करते हैं..खेलते भी हैं..और फिर भी सबसे आगे रहते हैं। यूपी बोर्ड में हमारे शहर के एक छात्र ने पूरे प्रदेश में टाप किया..और आप जानकर हैरान होंगे कि शहर में एक ही टाकीज थी जिसमें हर फिल्म के पहले शो में फिल्म देखने का उसका नियम फिक्स था...ये बात सारे छात्रों को मालूम थी और जब वो पूरे प्रदेश में नंबर बन आया तो लोग हैरान रह गए। ईमानदारी और अनुशासन से फोकस होकर जब हम कोई काम करते हैं तो परीक्षा जीतने से कोई नहीं रोक सकता। जिस तरह लड़ाई में जंग लड़ने जाते हैं तो सारे हथियार रखते हैं..सारी संभावनाएं और आशंकाएं टटोलते हैं..चारों तरफ नजर चौकन्नी रखते हैं..और फिर आगे बढ़ते हैं..उसी तरह जब हम पूरी तरह तैयार रहते हैं..मंजे हुए रहते हैं...तो हर परीक्षा को पार कर लेते हैं। बाकी फिर....