किसी के लिए जाल बिछाओगे, तो दूसरा आपके लिए भी जाल बिछाएगा, किसी के लिए गडढा खोदोगे तो दूसरा आपके लिए खाई खोदेगा. ये life का दस्तूर है। जैसा करोगे, वैसा भरोगे, प्यार दोगे, प्यार मिलेगा, सम्मान दोगे, सम्मान मिलेगा, मदद करोगे, मदद मिलेगी. ये भी life का दस्तूर है। अक्सर हम दूसरों के लिए साजिश रचते हैं और बड़े खुश होते हैं कि उसे मालूम नहीं है, उसके लिए गडढा खोदा जा चुका है और उसे दफन होना है. जैसा हम सोचते हैं वैसा ही दूसरा सोच रहा है। वो भी आपके लिए खाई खोद रहा है, और खुश हो रहा है कि उसके लिए खाई खोदी जा चुकी है, बस गिराना है और मिट्टी डाल देना है।
ये सौ फीसदी सच है और अगर आप थोड़ा सा मन में अपनी life के पिछले घटनाक्रमों पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि क्रिया की प्रतिक्रिया होती है और ये भी सच है कि जितनी क्रिया होती है व्यवहारिक रूप से उससे ज्यादा ही प्रतिक्रिया होती है। किसी को अगर हम नीचा दिखाते हैं तो मन में वो हरकत नश्तर की तरह चुभी रहती है और तभी निकलती है जब तक हम उसका माकूल जवाब नहीं दे देते। कोई भी हो, कहीं भी हो, किसी भी उम्र को हो, किसी भी जाति का हो, कोई भी स्टेटस का हो, किसी भी राज्य का हो, दूसरे देश का ही क्यों न हो, देश से लेकर व्यक्ति तक क्रिया की प्रतिक्रिया का नियम वही होता है। जैसे हम कहते हैं कि भारत ने पाकिस्तान को जवाब दे दिया, या फिर कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार कर दिया। इसी मानसिकता से हर शख्स गुजरता है, जब जिसका दांव लगता है, पटखनी देने से पीछे नहीं हटता, और अगर पटखनी देने लायक नहीं होता, तो खुद को दूध-बादाम खिलाकर पहलवानी के लिए तैयार करता है और फिर उसे जवाब देता है।
कोई भी जाल बुन रहा है तो जाल बुनने में वक्त लगता है, सामने वाला भी नजर रखता है कि जाल बुन रहा है, वो भी अपना जाल बुनना शुरू कर देता है, जो जल्दी जाल बुन लेता है, दूसरे को उसमें फांस लेता है, जो फंस जाता है, वो उसके बाद उससे बड़े जाल की तैयारी करता है ताकि उससे दोगुना जवाब दिया जा सके। शह और मात के इस खेल में बर्बादी दोनों पक्षों की होती है, दरअसल जब आप negative चलते हो तो दूसरा भी negativeचलता है, इस negativity के खेल में हम भले ही कह लें कि एक हार गया और एक जीत गया, लेकिन जरा मन में विचार कीजिए, दरअसल किसी की जीत नहीं हुई है बल्कि दोनों हारते हैं। किसी को नुकसान पहुंचा कर हम अपना भला नहीं कर सकते। दूसरे का नुकसान देखकर भले ही कुछ देर के लिए हम खुश हो लें लेकिन हमारे हाथ आएगा कुछ नहीं, दूसरा जरूर खो देगा, जब आपके साथ यही होगा तो दूसरा थोड़ी देर के लिए खुश होगा, लेकिन नुकसान आपका होगा, जीत हार अगर sports की तरह है तो वो healthy competition है। अगर नुकसान पहुंचाने का competition है तो गांठ बांध लो, उससे ज्यादा नुकसान आप खुद का कर रहे हो, so best listen, best think and best do, यही सही way of life है। बाकी फिर.....