Monday, July 27, 2015

सपने वो हैं जो सोने न दें....

हम बड़े स्वार्थी हैं, हमेशा अपने फायदे का सोचते हैं, लेकिन अच्छा स्वार्थ है, तो ऐसा सोचने में कोई बुराई नहीं, जब कलाम थे, तब नहीं सोचा, पर अब सोच रहे हैं कि कलाम एक क्यों थे?, और कलाम क्यों नहीं? जितने कलाम होंगे, हमारा आपका उतना ही फायदा, अखबार बेचने से लेकर देश के महान वैज्ञानिक और राष्ट्रपति पद तक, कहते हैं कि राष्ट्रपति के बाद क्या, जीवन पूरा हो गया, लेकिन कलाम ने हमें जीवन दर्शन सिखाया कि जीवन तब तक पूरा नहीं होता, जब तक सांस है, और वो आखिरी सांस तक कुछ न कुछ सिखाते रहे, जाते-जाते सिखा गए।
84 साल की उम्र, इतने बड़े-बड़े पदों पर रह लिए, परिवार के नाम पर अकेले, लेकिन निजी परिवार की बजाए पूरे देश को परिवार बनाने वाले कलाम चाचा नेहरू के बाद पहले ऐसे शख्स थे जिनका मन भविष्य में रमता था, भविष्य यानि बच्चे, जिनसे देश आगे बढ़ना है, उनसे प्यार, उनसे दुलार और उन्हें हर दिन सीख देते रहना, जब आपका गोल सेट होता है, जब way of life तय है तो जीवन आसान हो जाता है, कलाम ने ये खुद सीखा और हम सबको सिखाया, राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा होने के बाद वो न रुके, न थमे, मानो आराम नाम का शब्द उनके शब्द कोष में नहीं था, एक सहज मुस्कान हर वक्त उनके चेहरे पर रहती थी, बिलकुल बच्चों जैसी मुस्कान, निश्छल, जिसमें कोई छल कपट नहीं, जिसमें कोई हमारा तुम्हारा नहीं, जिसमें कोई ऊंच-नीच नहीं, जिसमें हमेशा एक positivity नजर आती थी। ये मुस्कान ही लोगों को सुकून दे देती थी, कुछ करने का जज्बा जगा देती थी, खुद के लिए तो सब करते हैं लेकिन दूसरों के लिए जो करते हैं, वो हमें जीवन जीना सिखाते हैं, जितना हमने कलाम को देखा है, समझा है, पढ़ा है, उसमें कहीं नहीं लगा कि उन्होंने अपने लिए कुछ चाहा हो, कुछ मांगा हो, जो मिला, उसे गले लगा लिया, जो दे सकते थे, देते रहे।

वाकई बच्चों को क्या बड़ों को भी जितने कलाम मिलें उतने कम है, देश को ऐसे कई कलाम की जरूरत है, तमाम वैज्ञानिक हुए, तमाम नेता हुए, तमाम अधिकारी हुए, तमाम उद्योगपति हुए, जिनके पास देने के लिए बहुत कुछ था, लेकिन देने की इच्छा नहीं हुई, पैसा तो दूर की बात ज्ञान देने में तो कोई बुराई नहीं, कहते हैं कि विद्या वो धन है जितना बांटो, उतना और मिलता है, कलाम ने इसे साबित किया. जीवन भर सीखते रहे, सिखाते रहे और सिखाते-सिखाते चले गए, जीवन दर्शन यही है, अगर हम उनका एक अंश भी सीख लें तो way of life हमारा भी सुधर जाए, जो नींद में सपने आते हैं वो पूरे नहीं होते, सपने वो हैं जो नींद उड़ा दें, इसी पर अमल कर लें, तो उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी..बाकी फिर.....इन्हें भी जरूर पढ़िए....bhootsotroyworld.blogspot.com   whatsappup.blogspot.com