Tuesday, October 13, 2015

कालिख पोतो या पुतवाओ, दोनों में फायदा है..

एक मित्र से चर्चा हो रही थी, बड़े परेशान थे, परेशान इसलिए थे कि दूसरों से पब्लिसिटी में पिछड़ रहे थे, बोले, कुछ उपाय बताओ, क्या किया जा सकता है, मैंने उन्हें सलाह दी कि कालिख पुतवा लो, बोले..अरे..ये क्या कह रहे हो, ये कोई बात हुई, जब उन्हें इसके फायदे बताए तो बात जंच गई, लेकिन फिर मायूस हो गए, कालिख तो पुतवा लूंगा.पर पोतेगा कौन.

.मैंने कहा इसकी चिंता मत करो, आजकल पोतने वालों की कमी नहीं है, एक बड़ी कंपनी इस फील्ड में उतर चुकी है, बड़े पैमाने पर भर्तियां चल रही हैं, करोड़ों का प्रोजेक्ट है, इस प्रोजेक्ट में कई उद्योगपति, राजनेता और मीडिया के दिग्गज शामिल हो रहे हैं। मित्र फिर मायूस हुए..अरे यार..इतना बड़ा प्रोजेक्ट है तो फीस भी ज्यादा लेगा..मैंने कहा चिंता मत करो, शख्सियत के हिसाब से रेट तय होता है, आपकी शख्सियत ज्यादा बड़ी नहीं, इसलिए आपका एक-दो लाख में काम हो जाएगा, लेकिन जब आप पोपुलर हो जाओगे तो आपको फिर कालिख पोतने की फीस बढ़ जाएगी। कंपनी ने जो ढांचा तैयार किया है..उसके मुताबिक कालिख कौन सी पुतवाओगे, तारकोल, कलर या फिर कीचड़, उसके हिसाब से भी पैसा लगेगा, मीडिया की मौजूदगी में पुतवाओगे तो फीस और भी ज्यादा लगेगी।
आप जितने का पैकेज लोगे, उसी हिसाब से कालिख का स्टंडर्ड होगा, उसी हिसाब से मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार होगा, उसी हिसाब से आपको कोसने वाले नारे लिखे जाएंगे..उसी हिसाब से जगह तय होगी, सफेद ड्रेस पर कालिख के ज्यादा रेट होगे..ब्लैक एंड व्हाइट पर तो ही पूरी दुनिया चल रही है। ये आपकी और कंपनी के बीच गोपनीय होगा, आधा पैसा पहले लगेगा, आधा पैसा कालिख पुतवाने के बाद, मित्र को बात जंच गई है, फिर बोले, ये कंपनी कौन है, मैंने कहा कि अब आप इस जुगाड़ में होगे कि पुतवाने में ज्यादा खर्च है तो पोतने का काम ही मिल जाए..जाहिर है कालिख पुतवाने के लिए हिम्मत चाहिए..पैसा चाहिए..इसीलिए पुतवाने से ज्यादा पोतने वाले घूम रहे हैं...इसमें फायदा ही फायदा है,मित्र को बात जंच गई है, उन्हें लग रहा है कि यदि ज्यादा बड़े आदमी बनना है तो कालिख पुतवाना होगी और यदि सेफ गेम खेलना है..परिवार पालना है तो कालिख पोतने वाली कंपनियों में नौकरी तलाशनी होगी। वैसे ये इंडस्ट्री ज्यादा ग्रोथ करने वाली है क्योंकि ये बिजनेस अभी संगठित नहीं है, कुछ ही लोग इसमें उतरे हैं..अलग-अलग छोटे स्तर पर काम चला रहे हैं, यदि इसमें विदेशी निवेश हो जाए और भारत में ये उद्योग काफी आगे जा सकता है। .पेंट और कलर उद्योग को इससे बढ़ावा मिलेगा। बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा..अभी जो काम वो किसी के बहकावे में आकर में फ्री में कर देते है, उसकी बाजिब कीमत मिलने लगी। देखिए क्या होता है...बाकी फिर.....